PM किसान योजना: अटक जाएगी पीएम किसान की 16वीं किस्त! आज ही निपटा लें ये जरूरी काम

PM Kisan Samman Nidhi 16th Installment Date: देश में किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनमें से एक है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है, जिसके तहत पात्र किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसमें किसानों को सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं और यह पैसा हर चार महीने में 2,000 रुपये की किस्त के रूप में दिया जाता है। किसानों को अब तक 15 किस्तों का लाभ मिल चुका है और इस बार 16वीं किस्त जारी की जानी है. वहीं, अब किसानों के लिए अच्छी खबर आई है क्योंकि सरकार ने 16वीं किस्त जारी करने की तारीख जारी कर दी है. तो आइए जानते हैं कब आ सकती है 16वीं किस्त…

अकेले सुपौल में इतने किसान वंचित हैं

बिहार के सुपौल जिले की बात करें तो कृषि विभाग के मुताबिक, 7499 किसान अभी भी एनपीसीआई (पीएम किसान योजना) के लाभ से वंचित हैं. सरकारी लाभ आधारित पासबुक की एनपीसीआई अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए किसानों को संबंधित बैंक से संपर्क कर आधार से लिंक कराना होगा, ताकि सही लाभुकों के खाते में राशि भेजी जा सके.

पीएम किसान योजना की वेबसाइट

अपनी किस्त की स्थिति जानने के लिए आप पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जा सकते हैं। इस वेबसाइट पर पीएम किसान योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

अगर किसान पीएम किसान से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान चाहते हैं तो वे pmkisan-ict@gov.in पर ईमेल के जरिए संपर्क कर सकते हैं। सरकार ने पीएम किसान योजना का हेल्पलाइन नंबर- 155261 या 1800115526 (टोल फ्री) या 011-23381092 जारी किया है. इसके जरिए भी किसान कॉल करके संपर्क कर सकते हैं और पीएम किसान से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं.

इसके अलावा अगर किसान डाकघर में खाता खोलते हैं तो उनका ई-केवाईसी और एनपीसीआई दोनों लिंक हो जाते हैं। इसके बावजूद किसानों का ई-केवाईसी और एनपीसीआई से वंचित रहना फिलहाल विभाग के लिए समस्या बनी हुई है।

आपको बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिले के लाभार्थी किसानों को साल में तीन किस्तों में 6000 रुपये की राशि दी जाती है. अब जबकि योजना के तहत किसानों को 16वीं किस्त की राशि दी जानी है तो ई-केवाईसी और एनपीसीआई से वंचित किसानों को इस राशि से वंचित होना पड़ सकता है।

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